सूत्रों के हवाले से खबर मुख्यमंत्री द्वारा अप्रूव की गई सिफारिशों को लागू ना करने देने के लिए अशोक खेमका ने स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर आदित्य को बिना इजाजत गैर कानूनी तरीके से एडवाइजर नियुक्त किया था गौरतलब है कि ड्रग डी एडिक्शन रूल में अमेंडमेंट करने के लिए हरियाणा पंजाब हाई कोर्ट ने एक कमेटी का गठन किया था
जिसमें उस समय के आईएएस अधिकारी आर आर जोहल की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित हुई थी जिसने ड्रग डी एडिक्शन को लेकर कई रूल्स में अमेंडमेंट की थी जिसको मुख्यमंत्री द्वारा 17 जुलाई 2017 को मंजूरी भी प्रदान कर दि गई थी मगर इसी दौरान RR जोहल की जगह आईएएस अधिकारी अशोक खेमका इस विभाग के प्रधान सचिव नियुक्त किए गए जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा मान्यता प्राप्त सिफारिशों को लागू ही नहीं किया और कायदे-कानूनों को दरकिनार करते हुए डॉ आदित्य को नई सिफारिशें बनाने के लिए एडवाइजर नियुक्त कर दिया जबकि डॉक्टर आदित्य ने इसके लिए अपने कार्यरत विभाग से इजाजत भी नहीं ली जब इस बारे में संबंधित विभाग के मंत्री कृष्ण बेदी को पता लगा तो उन्होंने तुरंत प्रभाव से अशोक खेमका को गैरकानूनी रूप से नियुक्त किए गए एडवाइजर को हटाने के आदेश जारी किए जिसके बाद
आज विधानसभा में हुई किरकिरी के चलते हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने अब एडवाइजर आदित्य को उसके पद से हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं प्रथम तहलका के हाथ लगे दस्तावेजों के तहत यह भी साफ होता है कि आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने मुख्यमंत्री द्वारा जारी की गई सिफारिशों को लागू ना करने के ऊपर संबंधित विभाग के मंत्री और मुख्यमंत्री की नियत और नीति पर भी शक जाहिर किया था हमेशा विवादों से जुड़े रहने वाले आईएएस अधिकारी अशोक खेमका का यह नया विवाद सामने आने के बाद अब उनकी ईमानदारी के ऊपर भी शक्ति तलवार लटकने लगी है कि आप हमेशा नियमों का हवाला देने वाले अशोक खेमका ने कैसे गैरकानूनी तरीके से एक सरकारी कर्मचारी को एडवाइजर नियुक्त कर दिया ।