हरियाणा डेस्क: कोरोना के दौर में मीडिया की जिम्मेदारी काफी हद तक बढ़ गई है। कोरोना महामारी में जब सब कुछ ठप्प पड़ गया, जब लोग भयभीत होकर अपने घरों में बैठ गए, उस दौरान भी पत्रकार दिन-रात काम करता रहा। पत्रकारों, प्रेस फोटोग्राफरों और टीवी चैनलों के कैमरामैनों ने अपनी जान की परवाह किए बिना समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए निष्पक्ष ढंग से सच्ची खबरें आप तक पहुंचाई और पहुंचा भी रहे हैं। अपनी जान को जोखिम में डालकर पत्रकारों ने ऐसी जगह से ग्राउंड जीरो रिपोर्टिंग की, जहां लोग जाने से डर रहे थे।
पत्रकार अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों तक खबरें पहुंचाते रहे
पत्रकारों ने उस समय भी लोगों का साथ नहीं छोड़ा, जब लोग भूखे, प्यासे तड़प रहे थे। कोरोना काल में जब लोग एक दूसरे से मिलने से भी डर रहे है, उस वक्त भी पत्रकार फील्ड में डटा है। लोगों को देश के हालातों से रूबरू करवा रहा है। कोरोना वायरस ने ना जाने कितने पत्रकारों से उनकी सांसे छिन ली। भारत में पत्रकार लगातार कोरोना का शिकार हो रहे हैं। खतरा सिर्फ वायरस तक सीमित नहीं है। पुलिस के डंडे, मुकदमे और नौकरी जाने का डर भी है।
पत्रकार एकता मंच के अध्यक्ष गौरव गर्ग ने पत्रकारों के लिए उठाई ये खास मांग
तो वहीं पत्रकार एकता मंच के अध्यक्ष गौरव गर्ग ने पत्रकारों को भी कोरोना वॉरियर्स की श्रेणी में शामिल करने के लिए एक खास कदम उठाया है। उन्होंने हरियाणा सरकार से मांग की है कि, पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्क का दर्जा देते हुए कोरोना वॉरियर का दर्जा दिया जाए। इतना ही नहीं, सरकार से ये भी मांग की गई है, कि सभी पत्रकारों का 50 लाख का बीमा करवाया जाए। उन्होंने #JournalistdeclareCoronaWarrior ट्वीट कर सरकार से ये खास मांग की है।
ये ट्वीट सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया है। इस ट्वीट के सोशल मीडिया पर लोगों जबरदस्त रिसपॉंस मिल रहा है। लोग गौरव गर्ग की इस मांग को पत्रकारों के हित के लिए करार दे रहे हैं।