पंजाब कैबिनेट ने दी नई औद्योगिक नीति को मंजूरी,उद्योगों को पांच साल तक पांच रूपए यूनिट बिजली देने का भी फैसला
पंजाब मंडी बोर्ड व रूरल डवलपमेंट बोर्ड आपदा में आए किसानों की मदद कर सकेंगे
सीमा क्षेत्र में लगाए जाने वाले उद्योगों को दी जायेंगी रियायतें
चंडीगढ – पंजाब केबिनेट की सोमवार को यहां आयोजित बैठक में नई औद्योगिक नीति को मंजूरी दी गई। नई नीति के तहत सीमा क्षेत्र में लगाए जाने वाले उद्योगों को विशेष रियायतें देने का भी प्रावधान रखा गया है। इसके साथ ही केबिनेट ने उद्योगों को आगामी पांच साल तक पांच रूपए प्रति यूनिट बिजली देने के चुनावी वायदे को भी मंजूरी दे दी।
केबिनेट बैठक के बाद वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नई उद्योग नीति प्रदेश की अर्थव्यवस्था के विकास के लिए राजमार्ग साबित होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पिछले 25साल के इतिहास में यह सबसे अधिक आकर्षक उद्योग नीति है।इसे तैयार करने में ही छह माह लग गए।
केबिनेट ने इसके अलावा आर्थिक संकट में फंसे किसानों की मदद के लिए पंजाब रूरल डवलपमेंट एक्ट 1987 की धारा 7 व धारा 26 एवं 27 में संशोधन को भी मंजूरी दी गई है। इस संशोधन से आर्थिक संकट में फंसे किसानों को पंजाब मंडी बोर्ड व पंजाब रूरल डवलपमेंट बोर्ड मदद दे सकेंगे।
मनप्रीत बादल ने बताया कि केबिनेट ने एकमुश्त कर्ज निपटान योजना को भी मंजूरी दी है। इस योजना के तहत बंद उद्योग पंजाब एग्रो इंडस्ट्ीज कार्पोंरेशन एवं पंजाब फायनेंसियल कार्पोरेशन के कर्ज बगैर ब्याज मूल राशि के भुगतान से ही निपटा सकेंगे। केबिनेट ने बिजली कम्पनियों के निदेशक व प्रबन्ध निदेशक की नियुक्ति के लिए योग्यता के मानक बदलने को भी मंजूरी दे दी। इसके साथ ही महाराजा रणजीत सिंह टैक्नीकल यूनिवर्सिटी व पंजाब टैक्नीकल यूनिवर्सिटी से सम्बद्धता का इंजीनियरिंग काॅलेजों को एक अवसर देने का फैसला किया गया। काॅलेज इनमें से किसी यूनिवर्सिटी की समबद्धता ले सकेंगे। साथ ही दोनों यूनिवर्सिटी को 11-11 जिले बांटने का फैसला भी किया गया।