हरियाणा और पंजाब में धान की कटाई के साथ ही पराली जलाए जाने के मामले सामने आने लगते हैं। बात अगर हरियाणा की करें तो यहां पर प्रशासन ने पराली को लेकर दावे तो बड़े बड़े किए लेकिन उसका असर कम ही देखने को मिला है। क्योकि टोहाना में तो कृषि विभाग को हारसेक के माध्यम से आगजनी की 285 लोकेशन मिली है। जिसमें से 50 प्रतिशत को अभी ट्रैस नहीं किया जा सका है। तो वही 110 मामलों में कृषि विभाग के द्वारा एफआईआर दर्ज करवाई जा चुकी है। इस बात की जानकारी टोहाना के एसडीएम ने दी।
एसडीएम नवीन कुमार की माने तो पराली प्रबंधन की मशीन टोहाना में लगभग 3500 एकड भुमि में हारवेस्टि हो चुकी है। किसान प्रशासन के साथ सहयोग कर रहे है। पराली प्रंबन्धन के लिए कस्टमर युनिट को 80 प्रतिशत व व्यक्तिगत को 50 प्रतिशत की सब्सीडी विभाग के द्वारा उपलब्ध करवाई गई है।
उपमंडल अधिकारी की माने तो टोहाना में पूरा सरकारी महकमा इस जागरूकता अभियान से जुड कर किसानों को समझाने में जुटा है। क्षेत्र को तीन जोन ग्रीन, रेड व ऑरेज जोन में बांट कर काम करना शुरू किया रेड जोन में विशेष रूप से जागरूकता अभ्भियान को चलाया गया दो बार वहां पर कैंप लगाए जा चुके है।
हालांकि ये बात तो सही है कि प्रशासन ने अपने स्तर पर पराली प्रंबन्ध के लिए मनरेगा मजदूरों का साथ लेकर गांव पिरथला में एक प्रयोग किया जिसमें खर्चा भी अमुनन कम आने की उममीद।