हर साल इन दिनों में पंजाब हरियाणा के साथ साथ दिल्ली के लोग प्रदूषण की मार तो झेलते ही है,,,,,,,,, लेकिन इस बार यह धुंआ और भी खतरनाक हो सकता है,,,,,,, क्योंकि पराली के धूंए के साथ साथ इन दिनों कोरोना भी चरम सीमा पर है,,,,,,, और किसान खेतो में पराली जलाने से कोई भी परहेज नही कर रहे,,,,,,,,,वहीं किसानों द्वारा खेतों में जलाई जाने वाली पराली को लेकर इस बार हरियाणा पंजाब के साथ साथ दिल्ली की सांसे जरूर फूलने वाली है,,,,,, क्योंकि एक तो कोरोना का कहर जिसमें लोगों को पहले ही सांस लेने से परेशानी आ रही है,,,,,, और अब किसानों के द्वारा खेतों में जलाई जाने वाली पराली के धूंए से सांस और भी घुटने वाली है,,,,,,,,, बतादे कि अभी से ही मौसम में धुआ देखने को मिल रहा है,,,,,,,,, और हर साल इन दिनों में आसमान धूंए से घिरा होता है,,,,,,,,,, और ऐसा ही कुछ मंजर हमारे कैमरो में भी कैद हुआ जिसमें किसान धड़ल्ले से अपने खेतों में धान की कटाई के बाद खेतों में अवशेष जलाते हुए दिखाई दिए,,,,,,, बता दे कि यह धुंआ इतना जहरीला था कि यहा पर सांस लेना भी काफी मुश्किल था,,,,, और अब यही धुआं और भी मुसीबत बनने वाला हैं,,,,,,,
खेतो में पराली को ना जलाने को लेकर सरकार बडे बडे दावे तो कर रही हैं,,,,,,, लेकिन वह सब दावे धरातल पर खोखले साबित हो रहे है,,,,,,,,, हालाकि प्रदूषण विभाग इक्का दुक्का पर कार्रावाई कर अपनी पीठ जरूर थपथपा रहा है,,,,,,, लेकिन जमीनी हकीकत क्या है यह हम आपको किसानों के मुंह से ही सुनवाते है,,,,,,,, दरअसल किसानों ने साफ कर दिया कि बडा जमीनदार तो सरकार के द्वारा दिए जाने वाले उपकरण लाकर खेतों से अवशेष निकाल सकता है,,,,,,,, लेकिन छोटे किसान को तो अधिकारी भी नही पूछते जिन उपकरणो से इन अवशेषो को खेतो से बाहर निकाल दिया जाता है,,,,,,, वह इतने मंहगे है कि असानी से खरीदे नही जा सकते और दूसरे से करवाने पर मोटी रकम देनी पडती है,,,,,, हालाकि इस बात को तो यह भी मान रहे है,,,,,,कि धुआं जहरीला होता है लेकिन इनकी माने तो इसका कोई और हल भी तो नही है,,,,,,,
दरअसल इन सब बातों से ऐसे में कही ना कही जिस प्रकार किसान खेतो में दिन रात आग लगाकर पराली जला रहे है,,,,,, उससे साफ है कि इस बार फिर से आम आदमी की सांसे फूलने वाली है,,,,,,, और दिल्ली मे अभी से ही इसके संकेत भी मिल रहे है,,,,,,, हालाकि इस धूंए को रोकने के लिए अब सरकार क्या कदम उठाती हैं,,,,,,,,ये देखने वाली बात हैं,