हरियाणा से पंजाब जाने वाले बस यात्रियों को हरियाणा-पंजाब सीमा अब भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर जैसी लगने लगी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हरियाणा से पंजाब जाने वाले यात्रियों का यह सफर उनके लिए परेशानी और दिक्क्तों भरा है। क्योंकि पंजाब की सरकार ने हरियाणा रोडवेज की बसों को पंजाब में दाखिल होने की मंजूरी अभी तक नही दी। जिसका खामियाजा हरियाणा से पंजाब जाने वाले बस यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है। लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि किसी भी अन्य राज्य से हरियाणा होकर पंजाब जाने वाली निजी बसों पर कोई रोक टोक नही है ।हरियाणा रोडवेज की बसों को मजबूरन अपनी पंजाब जाने वाली सवारियों को शंभु बार्डर पर उतारना पड़ता है। वहाँ से सवारियों को भीड़ में कड़ी मशक्त कर और काफी देर इन्तजार करने के बाद पंजाब के लिए बस लेनी पड़ती है। जिसकी वजह से उन्हें परेशानी के साथ साथ महँगा किराया भी देना पड़ता है। यात्रियों ने अपना दुःख जाहिर करते हुए बताया कि उन्हें हरियाणा और पंजाब का बार्डर अब पाकिस्तान बार्डर की तरह लग रहा है क्योंकि हरियाणा की सरकारी बसें पंजाब नहीं जा सकती।
हरियाणा रोडवेज के इंस्पेक्टर ने दूसरे राज्यों की सरकारों पर प्रश्नचिन्ह लगाए है। उनका कहना है कि क्या कोरोना महामारी सिर्फ हरियाणा रोडवेज से ही फैलेगी ? क्योंकि जो निजी बसें सवारियां भरकर पंजाब जा रही है उन पर कोई रोक नहीं है, सिर्फ हरियाणा रोडवेज की बसों पर रोक है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन साहब भले ही कोरोना का हवाला देकर हरियाणा की सरकारी बसों को पंजाब में दाखिल होने से रोक दें लेकिन यहाँ बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि क्या कोरोना सिर्फ सरकारी बस के जरिये ही पंजाब में दाखिल होने से फैलेगा ? क्योंकि पंजाब में तो अन्य राज्यों की नीजि बसें भी एंट्री कर जाती है। तो फिर हरियाणा रोडवेज की बसों पर ही रोक क्यों?