कौन कहता है कि आसमान मे सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो। जींद के अहिरका गांव के किसान सतबीर पूनिया ने भी ऐसा ही एक पत्थर उछाला जो आज दूसरे किसानो के लिए एक मिसाल बन गए हैं। किसान सतबीर पुनिया ने थाई एप्पल बेर की बागवानी करके 45 लाख रुपये की प्रति वर्ष कमाई करते है। ये अपने ही नही बल्कि हरियाणा के किसानों को समय समय नई- नई खेती करके किसानों को जागरुक करने का काम भी करते हैं। सतबीर पूनिया ने सांगवान के एक एकड में एक हजार पेड लगाए है। दजो कि 15 सालों में पेड बन जाएगे और अगले 15 सालों में इन पेडों से तैयार लकडी की कीमत 15 करोड रुपये हो जाएगी। सांगवान की लकडी की मार्किट में काफी मंहगे दामों से बिकती है। जागरुक किसान सतबीर सिंह ने अपनी इस खेती के बारे में जानकारी दी।
सतबीर पुनिया की माने तो हरियाणा से किसान भी उनकी खेती देखने के लिए आते है ताकि किसान जागरुक होकर आगे बढ सके। पेड की लबाई 70 फुट तक होने के बाद संागवान का पेड तैयार हो जाता है। इसकी लकडी की मार्किट में कीमत शीशम से ज्यादा दामो होगी और मार्किट मे चार गुणा रेटो पर बिकेगी।
सफलता का मुह वही देखते हैं जो मेहनत करना जानते हैं। वैसे भी कहते हैं कि मंजिल उन्हें मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। महज़ पंखों से कुछ नहीं होता, हौसले से भी उड़ान होती है। किसी शायर की इस शायरी को जींद के किसान ने सच कर दिखाया हे।