अंबाला के निजी स्कूल संगठनों ने आज मिल कर सीएमओ अंबाला को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने मांग रखी कि जो सरकार ने स्कूल खोलने से पहले शिक्षकों के कोरोना टेस्ट करवाने के निर्देश दिए है उसके तहत शिक्षकों के लिए अलग से कैंप लगवाया जाये , लेकिन कैंप लगवाने की मांग करने पहुंचे निजी स्कूल संगठनों को उस समय झटका लगा जब सीएमओ से उन्हें जानकारी मिली कि सरकार के आदेश हैं कि सरकारी स्कूल के शिक्षकों का कोरोना टेस्ट निःशुक्ल होगा लेकिन निजी स्कूलों के शिक्षकों के कोरोना टेस्ट के 1600 रूपये लगेंगे। इस बारे में निजी स्कूल एसोसिएशन के प्रधान सौरभ कपूर ने कहा सरकार द्वारा निजी स्कूलों के साथ अन्याय किया जा रहा है,,, प्रशासन द्वारा निजी स्कूल के शिक्षकों से कोरोना टेस्ट के लिए 1600 लेना सरासर सरकारी स्कूलों और निजी स्कूलों के निजी भेदभाव है,,, इस मौके पर निजी स्कूल संगठन के वाईस प्रेजिडेंट भी मौजूद रहे जिन्होंने ने इस फैसले का विरोध जताया.
वीओ – इस को लेकर हमने अंबाला के सिविल सर्जन डॉक्टर कुलदीप सिंह से भी बातचीत की तो उन्होंने ने बताया कि उन्हें सरकार की तरफ से निर्देश आए हैं कि सरकारी स्कूल के शिक्षकों के कोरोना टेस्ट निःशुक्ल किये जाए और निजी स्कूल के शिक्षकों के कोरोना टेस्ट की 1600 रूपये फीस लगेगी।
आपको बता दें कि आज से हरियाणा में स्कूल खोले जाने थे , लेकिन निजी स्कूल आज भी बंद रहे क्योंकि निजी स्कूलों के शिक्षकों के कोरोना टेस्ट नहीं हो पाए हैं। ऐसे में अब निजी स्कूल शिक्षकों को स्कूल आने से पहले कोरोना का टेस्ट करवाना होगा। जिसके लिए शिक्षकों को 1600 रूपये कोरोना टेस्ट की कीमत के रूप में चुकाने होंगे। जिसका अब निजी स्कूल संगठन विरोध जता रहे है।