Sunday , 24 November 2024

सैलरी और नोकरी के लिए दर दर की ठेकरे खा रही विकलांग मीनू बाला

दर दर की ठेकरे खाती ये पलवल के जवाहर नगर कैंप की रहने वाली मीनू बाला जोकि पूर्ण रूप से दोनों पांव से विकलांग हैं,,,,,,,और इसकी कोई सुनने वाला नहीं हैं,,,,,,,और ये अपनी सैलरी को लेकर दर दर भटक रही हैं,,,,,,,जहां एक तरफ सरकार द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान पर पूर्ण रूप से कार्य किया जा रहा है,,,,,,,,,,, और बेटियों की पढ़ाई से लेकर शादी और नौकरी के लिए तरह-तरह योजनाएं बनाकर करोड़ो रुपये खर्च भी किए जा रहे है,,,,,,,लेकिन वहीं कुछ अधिकारियों और नेताओं की कार्य प्रणाली इस अभियान को पलीता लगा रही है,,,,,,,, ऐसी ही एक दुख भरी कहानी पलवल के जवाहर नगर कैंप की रहने वाली मीनू बाला की है,,,,,, मीनू बाला दोनों पैरों से पूरी तरह से विकलांग है,,,,,,,और इतना ही नहीं उसके माता-पिता की भी मृत्यु हो चुकी है,,,,,,, जिससे कि वह परिवार की तरफ से भी असहाय हो चुकी है,,,,,,,,,माता-पिता का साया सिर से उठने के बाद पीडि़ता के सामने जीवन यापन संकट गहरा गया और नौकरी की तलाश में इधर-उधर भटकने लगी,,,,,,,लेकिन पीडि़ता को कहीं नौकरी मिली,,,,13 अप्रैल 2018 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल का पलवल की पंजाबी धर्मशाला में आगमन हुआ,,,,,पीडि़ता उसी समय अपनी दुख भरी कहानी को लेकर सीएम से मिली,,,,,,, जिस पर सीएम मनोहर लाल ने तुरंत जिला उपायुक्त मनीराम शर्मा को आदेश देते हुए पीडि़ता को डीसी रेट पर नौकरी देने की बात कही,,,,,,,,, सीएम के आदेश के बाद पीडि़ता को 2 जुलाई वर्ष 2018 में नगर परिषद में रिसेप्शन के पद नियुक्त कर दिया गया,,,,,जहां पर पीडि़ता को 30 जून वर्ष 2019 तक को वेतन दिया गयइ,,,,,,,लेकिन जुलाई 2019 से मार्च 2020 तक का वेतन पीडि़ता को नहीं दिया गया,,,,,,,,,,

वहीं उसे बगैर कोई नोटिस या सूचना दिए ही नौकरी से भी निकाल दिया गया,,,,जिसके बाद पीडि़ता अपनी नौकरी और वेतन की मांग को लेकर जिला उपायुक्त से लेकर नगर परिषद के अधिकारी तथा विधायक दीपक मंगला से मिली,,,,,,, लेकिन पीडि़ता को सभी से आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला,,,,,,,,,अधिकारियों और विधायक की लचर कार्य प्रणाली के बाद पीडि़ता हार-थक कर अपने घर बैठ गई,,,,,,,और कुछ दिनों पहले ही जिले में जिला नगर आयुक्त के पद पर मोनिका गुप्ता को नव नियुक्त किया गया,,,,,जिसके बाद पीडि़ता को फिर एक बार आस जगी और वह आठ-दस दिन पहले विश्राम गृह में जिला नगर आयुक्त मोनिका गुप्ता से मिलने आई,,,,,,,,जहां पर पीडि़ता ने पांच-छह घंटे लंबा इंतजार किया लेकिन जिला नगर आयुक्त मोनिका गुप्ता ने मिलने का समय नहीं दिया,,,,,,,,,जिसके बाद पीडि़ता ने समस्या की लिखित शिकायत जिला नगर आयुक्त को दी,,,,,,, जब पीडि़ता की कोई सुनवाई नहीं हुई तो आठ-दस दिन बीतने के बाद पीडि़ता फिर विश्राम गृह में जिला नगर आयुक्त मोनिका गुप्ता से मिलने आई और फिर पांच-छह घंटे का लंबा इंतजार करने के बाद सिर्फ आश्वासन लिए बिना ही अपने घर लौट गई,,,,,,,,

वहीं इस बारे में टाल-मटोल करते हुए जिला नगर आयुक्त मोनिका गुप्ता ने बताया कि उन्हें पीडि़ता की लिखित शिकायत मिली है,,,,,, जिसको नगर परिषद के ईओ को मार्क कर दिया गया है,,,,,,,,,, उन्होंने बताया कि 15 दिन पहले ही उन्होंने पलवल में कार्यभार संभाला है,,,,,,,,, यह मामला उनके सामने आया है,,,,,,, और जल्द ही पीडि़ता की समस्या का समाधान किया जाएगा,,,,,,

ना जाने कितने ही ऐसे लोग हैं जो अपनी नौकरी और सैलरी के लिए दर दर की ठोकरें खा रहे हैं,,,,,, जहां एक तरफ सीएम खट्टर के कहने पर मीनू बाला को नौकरी मिली थी,,,,,,,,वहीं अब वो अपनी नोकरी और एक साल के वेतन के लिए दर दर की ठोकरें खा रही हैं,,,,,, और लगातार अधिकारियों से मिल कर अपनी सैलरी के लिए गुहार लगा रही हैं,,,,,, फिलहाल देखना होगा कि जिलानगरआयुक्त को शिकायत मिलने के बाद इस पर कार्रवाई कब तक होती हैं,,,,, और कब इसे इसके हक की कमाई मिल पाती हैं,,,,,

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *