हरियाणा में सफेद मक्खी और अन्य बीमारियों के साथ बेमौसम बरसात की वजह से खराब हुई हजारों एकड़ फसल के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों द्वारा प्रदर्शन किए जा रहे है,,,,किसानों के लगातार हो रहे प्रदर्शन के बाद सरकार को शक है कि बड़े पैमाने पर फसल खराब होने के पीछे प्रदेश में घटिया स्तर की कीटनाशक की बिक्री कारण हो सकती है,,, जिसके चलते अब सरकार ने कृषि विभाग को हरियाणा में बेची जा रही विभिन्न कंपनियों की कीटनाशक दवाओं की सैंपलिंग के आदेश दिए हैं,,,और कृषि विभाग ने अलग-अलग टीमें बनाकर प्रदेश भर में उन क्षेत्रों में कीटनाशक दवाओं के सैंपल लेने का अभियान शुरू किया है,,,जिसकी शुरूआत फतेहाबाद से की गई,,, जहां सबसे अधिक फसलें खराब हुई हैं,,,, सबसे अधिक फसल खराब होने की मार झेल रहे फतेहाबाद जिले में कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर रामप्रताप सिहाग की टीम ने सैंपलिंग अभियान चलाया और विभिन्न कंपनियों की कीटनाशक दवाओं के सैंपल लिए।
कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर रामप्रताप सिहाग ने बताया कि घटिया कीटनाशक की बिक्री की संभावना होने के बाद सैंपलिंग अभियान चलाया गया है। पिछले दिनों फतेहाबाद सहित हरियाणा के कई जिलों में नरमा कपास ग्वार और मूंग सहित कई खरीफ फसलें बड़े पैमाने पर सफेद मक्खी और अन्य बीमारियों के कारण खराब हो गई थी,,, जिसके चलते किसी कीटनाशक दवा के गलत प्रभाव के कारण यह फसलें खराब ना हुई हो,,, इस बारे में जांच पड़ताल के लिए कीटनाशक दवाओं के सैंपल लिए जा रहे हैं,,,उनका कहना है कि सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजे गए हैं और जांच रिपोर्ट में अगर कोई कीटनाशक दवा घटिया क्वालिटी की या मिस ब्रांड मिलती है तो उस कंपनी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजे दिए गए हैं और रिपोर्ट आने का बाद सच का जल्दी पता चल जाएगा,,, आपको बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई दुकानों पर कीटनाशक दवाई बिकती हैं लिहाजा गांव में भी सैंपलिंग अभियान चलाया जाएगा।