धरने पर बैठे नजर आ रहे यह लोग फरीदाबाद के अजरौंदा और दौलताबाद के किसान हैं। जो कि मुआवजे की मांग को लेकर बीते 6 दिनों से धरने पर ही बैठे हैं। इन किसानों का आरोप है कि 1995 में इनके जमीनों को अधिग्रहण करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी , जो कि 1998 में पूरी हो गई। बाद में मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर यह लोग कोर्ट गए जहां से 2019 में इनके पक्ष में फैसला सुना दिया गया । किसानों के मुताबिक कोर्ट ने सरकार को बढ़ा हुआ मुआवजा देने के आदेश दिया। लेकिन तब से अब तक उन्हें मुआवजे की पूरी राशि नहीं दी गई है ।
किसानों का आरोप है कि तब से अधिकारी लगातार फरीदाबाद और चंडीगढ़ के बीच में उन्हें धक्के खिलवाते रहे । किसानों के मुताबिक सरकार को इन दोनों गांव के किसानों को लगभग 400 करोड रुपए का भुगतान करना है । किसानों ने साफ तौर पर कहा कि जब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिलता है तब तक वह इसी तरह धरने पर बैठे रहेंगे ।
एक ओर ये किसान हैं जो कोरोना काल में भी धरना दे रहे हैं। तो दूजी ओर प्रदेश की सरकार है जो कि अड़ियल रवैया अपनाए हुए है। अब इन किसानों को और कितने दिनों तक धरना देना पड़ता है, ये देखने वाली बात होगी।