हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 1 दिन के मानसून सत्र को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा जिन परिस्थितियों में सत्र हुआ उसके मुताबिक ये फैसला किया गया था और एक दिन का सत्र बुला कर जरूरी काम किए गए। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी और जेजेपी गठबंधन सरकार पर घोटालों को दबाने के आरोप लगाए हैं। चंडीगढ़ में हुइ एक प्रेस काफं्रेस के दौरान उन्होंने कहा कि बीते दिन हुए 1 दिन के मॉनसून सत्र के दौरान सरकार ने रजिस्ट्री घोटाले को दबाने के लिए कानून में जो संसोधन किए है वे इस बात को साबित करते है।
संशोधनों को लेकर भी हुड्डा ने हरियाणा सरकार को निशोन पर लिया। उन्होंने कहा कि शहरी निकाय कानून के संशोधनों पर सरकार को विस्तार से चर्चा करवानी चाहिए थी। लेकिन इसकी बजाय सरकार ने उसे आनन-फानन में पास करवा दिया। उनका कहना था कि बीएसी में जो तय हुआ था, उसकी पालना नहीं की गई।
हुड्डा ने घोटालों को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के करीबन 10 महीने के कार्यकाल के दौरान कइ घोटाले हुए। लेकिन सरकार इनकी सीबीआई या हाईकोर्ट की जांच से दूर भाग रही है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कर्ज सीमा बढ़ाने के लिए फिसकल अधिनियम में किए गए बदलाव को भी गलत बताया। उन्होंने कहा की सरकार में कर्ज लेने जीडीपी के 3 फीसदी की सीमा को बढ़ाकर 5 फीसदी कर दिया है। जबकि सरकार अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है। इस संशोधन से यह साबित हो गया कि हरियाणा सरकार के आर्थिक हालात काफी खराब है।
हाल ही में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को लेकर भी सवाल खडे हुए थे। कांग्रेस के करीबन 2 दर्जन वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। इसमें हरियाणा के नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी शामिल थे। हरियाणा की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने उनके इस कदम को बीजेपी का एजेंडा बढ़ाने वाला वाला बताया था। अब इस मामले पर हुड्डा ने पलटवार किया है।
आपको बता दें कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुरूवार को चंडीगढ़ में थे। जहां उन्होंने मानसून सत्र को लेकर कइ बाते कहीं ओर हरियाणा की सरकार को निशाने पर लिया।