लॉकडाउन की वजह से सभी स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए जिसके बाद बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देन के ऑडर दिए गए,,,साथ ही ये भी कहा गया कि अगर को अभिभावक फीस नहीं भर सकता है तब भी उनके बच्चे को क्लास से न निकाला जाए,,,लेकिन स्कूली प्रशासन कहा बाज आता है,,,ऐसे कई मामले रोहतक से सामने आए है,,,जहां अभिभावकों का आरोप है कि फीस न भरने पर पहले तो उनके बच्चों को शिक्षा नहीं दी गई और अब तीन महीने की फीस के लिए स्कूली प्रशासन उन्हें परेशान कर रहा है और बच्चे का सर्टीफिकेट देने से मना कर रहे है ,,,,जिसकी वजह के उनके बच्चे का दूसरे स्कूल में एडमिशन नहीं हो पा रहा है,,,, जिसे लेकर अभिभावकों के एक संगठन ने बुधवार को रोहतक में मंडल कमिश्नर डी सुरेश से मुलाकात की और अपनी आपबीती सुनाई,,,एक अभिभावक ने स्कूल पर बच्चे के स्रटीफिटेट न देने का आरोप लगाया है,,,,उनका कहना है कि उन्होनें दूसरे स्कूल में अपने बच्चे का एडमिशन करवाया और जब वे सर्टिफिकेट लेने पुराने स्कूल गए तो स्कूली प्रशासन ने जबरदस्ती उनसे फीस वसूली और उन्हें फीस न देने पर बच्चे का सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया,,,
वहीं इस मामले में वकील संदीप राठी ने बताया कि कोर्ट के ऑडर के बाद भी बच्चों को शिक्षा के वंचित रखा गया जो बहुत गल्त है जिसे लेकर वे आज कमिश्नर डी सुरेश से मिले जिन्होनें उनकी इस मामले में पूरी सहायता करने की बात कहीं।
अभिभावकों की बात सुनने के बाद कमिश्नर ने इस संबंध में शिक्षा अधिकारी को दिशा निर्देश दिए।
कोरोना के चलते बच्चो की पढाई प्रभावित हो रही है,,,,जिसको लेकर अभिभावक चिंतित है,,,अब देखने वाली बात ये होगी बच्चों के भविष्य का क्या होगा।