Sunday , 24 November 2024

केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में उतरे प्रदेशभर के आड़ती और किसान

पलवल में केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन अध्यादेशों के विरोध में प्रदेशभर के अनाज मंडियों के सभी आढ़तियों ने मोर्चा खोल दिया है,,,क इसी कड़ी में शुक्रवार को पलवल जिले के सैकड़ों आढ़ती अपने हाथो में काले झंडे लेकर लघु सचिवालय पर एकत्रित हुए,,, जहां उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और इन अध्यादेशों को वापस लेने के लिए देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम एडीसी को एक ज्ञापन भी सौंपा,,, ग्रेन मर्चैण्ट एसोसिएशन के प्रधान गौरव तेवतिया ने कहा कि हरियाणा सरकार हरियाणा की अनाज मंडियों के सभी आढ़तियों और किसानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है,,,, सरकार द्वारा जो यह फरमान जारी किया गया है कि अनाज मंडियों की बजाय किसान अपनी फसल को बाजार में बेच सकता है,,, यह बिल्कुल सरासर गलत फरमान है और इस काले कानून का कड़ा आढ़ती विरोध कर रहे हैं।

ग्रेन मर्चैण्ट एसोसिएशन के प्रधान गौरव तेवतिया ने कहा कि जो अध्यादेश केंद्र सरकार ने लागू किए हैं, उससे किसान, मजदूर, छोटा व्यापारी सभी तबकों को भारी नुकसान होगा,,, उन्होंने कहा कि इस कानून के अनुसार जिसके पास पेनकार्ड है,,, वह मंडी से बाहर किसान की फसल को खरीद सकता है,,, जिस पर किसी भी तरह का सरकारी या गैर सरकारी शुल्क नहीं है और ना ही इस पर सरकार का कोई कंट्रोल होगा,,, जिससे की किसानो की फसलों को ओने – पौने दामों में खरीदा जाएगा,,, जबकि हरियाणा में सुदृढ मंडी व्यवस्था है,,, जहां सरकारी अधिकारियो की निगरानी में बोली सिस्टम किसान की फसलों की किसान के सामने उच्चतम बोली लगाकर खरीदी जाती है,,, आढ़ती किसान की फसल को आवश्यक हो तो सुखाता है , उसे साफ़ करता है , फिर उसकी ढेरी बनाकर व्यापारियों को बुलवाकर उसकी बोली लगवाता है,,, किसान की फसल की गुणवत्ता की पूरी वकालत करता है। ताकि उसे अधिकतम मूल्य प्राप्त हो। किसान को उसके फसल के भुगतान की 100 प्रतिशत की गारंटी आढ़ती की होती है।

आड़तियों का कहना है कि अगर किसान अनाजमंडी में अपना फसल लेकर नहीं आएगा,,, तो अनाज मंडी के पूरे प्रदेश के आढ़तियों का कारोबार भी चौपट हो जाएगा और अगर सरकार उनकी ओर ध्यान नहीं देती,,, तो आगे आढ़ती सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई लडे़ंगे।

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