हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने जहां इस साल स्टूडेस को रिजल्ट में खुशी का मौका दिया तो वहीं इस साल बोर्ड ने एक दिव्यांग छात्रा के साथ भददा मजाक किया है। मामला हिसार के चैधरी वास गांव का है। दिव्यांग छात्रा सुप्रिया के साथ हरियाणा विद्यालय भिवानी बोर्ड ने भद्दा मजाक किया है। सुप्रिया की आंखों की रोशनी काफी कम है। दसवीं बोर्ड परीक्षा में इस होनहार छात्रा सुप्रिया को गणित के पेपर में मात्र 2 ही अंक दिए गए। लेकि जब छात्रा ने इसके बाद पेपर की रिचैकिंग करवाद तो भिवानी बोर्ड ने गणित विषय में 100 में 100 अंक दे दिए है। इस परीणाम के बाद छात्रा व उसके परिजन काफी डिपेरेशन में आ गई थे। छात्रा इतनी मानसिक तनाव में आ गई थी कि उसने कई दिनों तक खाना तक नही खाया। छात्रा व उसके परिजनों का आरोप है कि भिवानी बोर्ड की बडी लापरवाही है ऐसे में उसकी रिचैकिंग फीस वापस दी जाए और उन्हें राजकीय तौर से अच्छे अंकर हासिल करने पर सम्मानित किया जाना चाहिए।
दरअसल सुप्रिया के अन्य सभी विषयों में 90 फीसद से अधिक नंबर हैं। गणित में दो नंबर देखकर सुप्रिया काफी दुखी हुई। सुप्रिया के पिता छाज्जू राम निजी स्कूल में गणित के शिक्षक हैं। उन्हें भी सुप्रिया के नंबरों पर विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने खुद पेपर के विषय में सुप्रिया से जानकारी ली थी और उसके सभी प्रश्नों के उत्तर ठीक थे। बोर्ड के चक्कर काटने और फार्म भरने में करीब पांच हजार रुपये परिवार के खर्च हो गए। तो वहीं अब छात्रा के पिता ने रकम वापस किए जाने की मांग की है।
हिसार के राजकीय सीनियर सैकेडरी स्कूल के प्राचार्य ऋषिकेस कूंडू ने छात्रा को होनहार बताया। उन्होने आश्वासन देते हुए कहा कि लाकडाउनन के बाद स्कूल खुलने पर उसे स्कूल स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।
विभाग की ऐसी लापरवाही छात्रा के जीवन पर भारी पड़ सकती थी। सवाल ये कि क्या विभाग ने जल्द बाजी में ही परीक्षा की कापी जांच कर दी। आखिर नंबरों के लिए ऐसा बड़ी भूल कैसे कर दी।