सूबे के सबसे पिछड़े पुन्हाना उपमंडल के सबसे बड़े गांव सिंगार और आसपास के गांव का विकास अब गति पकड़ने जा रहा है,,,,,,नीति आयोग में भारत सरकार द्वारा जब से हरियाणा के नूह जिले को पिछड़े जिलों की सूची में शामिल किया है,,,,,,,तब से केंद्र सरकार इस जिले के विकास को लेकर गंभीर दिखाई दे रही है,,,,,दरअसल ”क्रिटिकल गैप फंडिंग”‘ योजना के तहत अब सिंगार क्लस्टर के गांव का कायाकल्प होने जा रहा है,,,,,,वहीं इस पूरी योजना की जानकारी देते हुए आईएएस एसडीएम वैशाली शर्मा ने बताया कि इस योजना के तहत सिंगार क्लस्टर को विकसित करने के लिए तकरीबन 2 करोड़ रुपए की राशि जिला प्रशासन को मिल चुकी है,,,,,,,अगर कोरोना महामारी की दस्तक नहीं होती तो अब तक काफी हद तक इन गांवों की सूरत बदल भी जाती,,,,,,बतादें कि कोरोना से विकास की रफ्तार धीमी तो जरूर हुई,,,,,,लेकिन अब दोबारा से यह गति पकड़ने जा रही है,,,,,,, गांव के विकास पर कितनी भी राशि खर्च हो लेकिन इन गांवों में पंचायती राज , स्कूल शिक्षा , सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट, पर्यावरण लैब , डिजिटल योजना के अलावा महिलाओं के विकास के लिए सेनेटरी नैपकिन के साथ-साथ वीटा का चिलिंग सेंटर भी बनने जा रहा है,,,,,,
बतादें कि हरियाणा में नूह जिला सबसे पिछड़ा जिला है और जिले में सबसे पिछड़ा पुनहाना उपमंडल है और पुनहाना उपमंडल के सबसे बड़े गांव सिंगार से क्रिटिकल गैप फंडिंग योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने कर दी है ,,,,,,बतादें कि सिंगार गांव में तकरीबन 35 – 40 हजार की आबादी है और यह गांव पुन्हाना उपमंडल का ही नहीं बल्कि जिले का भी सबसे बड़ा गांव है,,,,,,,पुनहाना उपमंडल का सिंगार गांव विकसित होने के बाद किसी शहर या कस्बे से कम नहीं लगेगा,,,,,,जिला प्रशासन के साथ – साथ सिंगार गांव के लोग भी इस योजना के आने से बेहद खुश हैं,,,,,,