हरियाणा में सरकार के नितियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का दौर लगातार जारी हैं,,,,,,जहां प्रदेश भर में पीटीआई अध्यापकों और नगर निगम कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी तो वहीं अब हरियाणा बैंक एंप्लाइज फेडरेशन की ओर से भी सरकार द्वारा जो राष्ट्रीयकृत बैंकों का निजीकरण करने का फैसला उसका विरोध किया गया,,,,,दरअसल हरियाणा बैंक एंप्लाइज फेडरेशन की ओर से बैंकों के 51वें राष्ट्रीयकरण वर्षगांठ पर पत्रकार वार्ता करके कुछ मामलों का खुलासा किया,,,, जिसमें सबसे पहले सरकार द्वारा जो राष्ट्रीयकृत बैंकों का निजीकरण करने का फैसला उसका विरोध किया गया,,,,,,,इसके साथ जो मुख्य मुद्दा रहा उसमें 2426 ऋण खाता धारकों की सूची का खुलासा किया गया,,,,,,जिसमें ऐसे लोग हैं जो जानबूझकर ऋण नहीं चुका रहे हैं,,,,जोकि डिफॉल्टर हैं,,,,,,और उनके ऊपर बैंकों का कुल 1 लाख 47हजार 350 करोड़ का बकाया है,,,,,, इन्हीं मामलों का खुलासा करते हुए इस बात पर जोर दिया गया कि निजी कंपनियों और कारपोरेट के खतरनाक रूप से विशालकाय होते हुए खराब ऋण है,,,,,,यदि उनपर ठोस कार्रवाई की जाएगी तो रकम की वसूली हो जाती है,,,,और हमारे बैंक राष्ट्र के विकास में एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं,,,,,,,डिफाल्टरों को छूट देने और बैंकिंग करने वाली जनता को उनकी बचत पर कम ब्याज देना,,,,,,तथा सेवा शुल्क में बढ़ोतरी की वर्तमान प्रथा को तुरंत प्रभाव से रोकना चाहिए,,,,,,,
हरियाणा में सरकार के नितियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का दौर लगातार जारी हैं,,,,,,जहां प्रदेश भर में पीटीआई अध्यापकों और नगर निगम कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी हैं,,,,,,, तो वहीं अब हरियाणा बैंक एंप्लाइज फेडरेशन की ओर से भी सरकार द्वारा जो राष्ट्रीयकृत बैंकों का निजीकरण करने का फैसला उसका विरोध किया गया,,,,,और इसको लेकर फेडरेशन के महासचिव ने साफ किया कि डिफॉल्टरों से सख्त रूख अपनाकर पैसा वसूल किया जाए,,,,, और अगर मागें नहीं मानी गई तो आगे नितियों के विरोध में प्रदर्शन भी किए जाएगें,,,,