कोरोना महामारी ने हम सबकी जिंदगी के जिने का तरीका बदल कर रख दिया है। इस महामारी का असर अब हमारे तीज त्योहारों पर भी पड़ने लगा है। आज के दिन साल की सबसे बड़ी सोमवती अमावस्या है। इस अवसर पर लोग अकसर हरिद्वार व यमुना नदी पर जाकर पितरों की पूजा करते हैं। तो वहीं कोरोना के चलते इस प्रयोजन को भी नजर लग चुकी है। महामारी के चलते जहां लोगों के हरिद्वार जाने की पूरी तरह से पाबंदी है। तो वहीं लोगों ने पानीपत में ही यमुना नदी पर जाकर पितरों की पूजा कर रहे हैं। सोमवती अमावस्या का स्नान कर रहे हैं।
इसलिए पानीपत के साथ लगता यूपी बॉर्डर के किनारे यमुना नदी पर ही स्नान के लिए पहुंच गए। कोरोना महामारी के चलते लोगों की भीड़ नजर नहीं आई। हालांकि सिचाई विभाग द्वारा अधिकारी की ड्यूटी लगाई गई है ताकि किसी भी तरह की अनहोनी ना हो सके।
वहीं इस बारे में पंडित राम प्रसाद की माने तो जिस प्रकार से देश में आपदा है लोग गंगा स्नान नहीं कर सकते हैं वो युमना नदी में स्नान कर पितरों का आर्शीवाद ले सकते हैं। यदि लोग युमना का स्नान भी नहीं कर पाते हैं तो घर पर ही बाल्टी में पानी लेकर कुछ बूंदे गंगा की डालकर स्नान कर सकते हैं घर पर बैठकर भी उन्हें वही फल प्राप्त होगा जो गंगा और यमुना में नहाने से होता हैं।
बता दें कि सोमवती अमावस्या पर लोग अपने पितरों को खुश करने के लिए गंगा स्नान करते हैं। लेकिन इस साल तो गंगा नदी के दर्शन नहीं हो सके। लिहाजा श्रद्धालुआंे को जैसे बन पड़ा वैसे ही सबने अपने हिसाब से पूजा अर्चना की। वैसे भी कोरोना महामारी के चलते लोग आजकल सोशल डिस्टेंसिंग को फाॅलो कर रहे हैं। जो कि अच्छी बात है। क्योंकि सुरक्षा की कोरोना से आपका बचाव कर सकती है।