अंबाला के हैरिटेज बंगलों में शामिल ‘रजो विला’ विवादों में है। बंगाली परिवार का ये विवादित बंगला निकलसन रोड पर कबाड़ी बाजार चैक के पास मौजदू है। बंगले के प्रॉपर्टी होल्डरों में शामिल चंडीगढ़ की शर्मिता बैनर्जी भिंडर ने बंगले पर अवैध कब्जे का आरोप लगाया है। शर्मिता ने ये आरोप एक डेयरी संचालक पर लगाया है। उनका कहना है कि डेयरी वाले ने बंगले के एक हिस्से पर दीवार खड़ी कर दी है। शर्मिता का कहना है जब उन्होंने तहसील से कागजात चेक कराए तो पता चला कि 261 वर्ग गज की रजिस्ट्री डेयरी संचालक के नाम पर है, जबकि उसने तो 327 वर्ग गज पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने इस मामले की शिकायत सीएम विंडो और कैंट पुलिस से भी की है।
शर्मिता बैनर्जी का कहना है कि ‘रजो विला’ बंगले का मालिकाना हक डॉ. कुमार मुखर्जी, नीलू संत और उनके पास है और तीनों ही बंगले के प्रॉपर्टी होल्डर हैं। शर्मिता बैनर्जी का आरोप है कि जो हिस्सा बेचा गया, उस रजिस्ट्री में उनके बंगले के कुछ हिस्से को भी शामिल कर दिया गया। इससे अब राजीव गुप्ता व निशु गुप्ता द्वारा उनकी प्रॉपर्टी के हिस्से पर दीवार खड़ी करके कब्जा कर लिया है। उन्होंने मामले में धोखाधड़ी, ट्रेसपास व अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है।
हेरिटेज बंगले रजो विला के बारे में आपको बता दें कि नींव 1848 में डॉ. राजकिशन मुखर्जी ने रखी थी। उन्हीं के नाम पर इसे रजो विला का नाम दिया गया था। 1848 में बने इस बंगले में अंग्रेजों के जमाने से दवाखाना चलता था।