चंडीगढ, 28 सितम्बर । हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार के सरकारी दावों पर सवालिया निशान लगाने वाली रिपोर्ट पहले भी आती रही है। लेकिन इन रिपोर्टों का नकारने वाली सरकार ने अब खुद भी एक ऐसा मामला पकडा है जिसमें कन्या जन्मदर को बढा कर दर्ज किया गया।
इस गडबडी के पकडे जाने पर पलवल नगर परिषद के दो कर्मचारियों को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं।
शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने गुरूवार को यहां बताया कि नगर परिषद पलवल में पंजीयक एवं सह पंजीयक (जन्म-मृत्यु) द्वारा मार्च 2017 में परिषद क्षेत्र में जन्मी कन्याओं का आंकड़ा 1217 दिखाया गया था। जबकि महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा-सह- मुख्य पंजीयक (जन्म-मृत्यु) कार्यालय द्वारा प्रदेश का आंकड़ा प्रति हजार लडकों पर 950 लड़कियों का आकंडा दर्ज किया गया था। रिपोर्ट पर संदेह होने के बाद मुख्य पंजीयक कार्यालय द्वारा इसकी जांच-पड़ताल करवाई गई, जिसमे आंकडे में गड़बड़ी किए जाने की पुष्टि हुई। इसके कारण जिला पलवल का प्रति हजार लडकों पर लड़कियों का आंकड़ा गलत दर्ज हुआ। जनवरी 2017 से मार्च 2017 तक पालिका द्वारा प्रति हजार लडकों पर 1383 लड़कियों का आंकड़ा दर्ज किया गया, जबकि जांच में यह 906 लडकिया प्रति हजार लडकों पर मिला।
मंत्री कविता जैन ने बताया कि परिषद द्वारा लड़कियों का आंकड़ा जनवरी 2017 में 957, फरवरी में 990 तथा मार्च में 1217 अपडेट करवाया गया, वहीं जांच में यह जनवरी 2017 में 930, फरवरी में 951 तथा मार्च में 983 मिला। इसकी बदौलत जनवरी 2017 से जून 2017 तक आंकड़े में गड़बड़ी के कारण प्रदेश का लिंगानुपात प्रभावित हुआ। जून 2017 में यह आंकड़ा 910 लड़कियां प्रति हजार की जगह 912, मार्च 2017 में 930 प्रति हजार की जगह 940 और जनवरी-मार्च तिमाही के 928 की जगह 932 दर्ज हुआ। इस गम्भीर लापरवाही पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने परिषद पलवल के पंजीयक (जन्म-मृत्यु) महेंद्र सिंह और सह पंजीयक(जन्म-मृत्यु) सन्दीप कुमार को तत्काल निलंबित कर दिया है। यही नहीं, दोनों कर्मचारियों के ड्यूटी में लापरवाही बरतने तथा आंकड़ों से छेड़छाड़ करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश भी जारी किए हैं।