फतेहाबाद, 12 दिसंबर(जितेंद्र मोंगा): फतेहाबाद में आज जिला परिषद चेयरपर्सन गीता नागली की कुर्सी चली गई। जिला उपायुक्त के आदेश के बाद आज अविश्वास प्रस्ताव को लेकर फतेहाबाद के लघु सचिवालय में वोटिंग की गई जिसमें गीता नागली के विरुद्ध और अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 13 पार्षदों ने अपने वोट डालें। फतेहाबाद जिला परिषद में कुल 18 पार्षद है जिसमें से 13 पार्षदों ने गीता नांगली के खिलाफ वोटिंग की है। वहीं इसके बाद गीता नांगली को अब चेयरपर्सन की कुर्सी से हटना होगा।
इस बारे में जानकारी देते हुए जिला परिषद के पार्षद राम चंद्र सहनाल ने बताया कि गीता नागली द्वारा जिला परिषद को समय नहीं दिया जा रहा था। जिला परिषद में कई लाखों रुपए की ग्रांट अटकी पड़ी है। लेकिन गीता नांगली द्वारा समय न दिए जाने के कारण विकास कार्य प्रभावित हो रहे थे। इसी के चलते 14 पार्षदों की ओर से बीते दिनों गीता नांगली के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने को लेकर एक ज्ञापन जिला उपायुक्त को सौंपा गया था। जिसके बाद 12 दिसंबर की तिथि जिला उपायुक्त ने अविश्वास प्रस्ताव के मतों को लेकर निर्धारित की थी। आज जिला परिषद के 14 पार्षदों मे से 13 पार्षदों ने गीता नागली के विरोध में और अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग की।
इस बारे में जानकारी देते हुए जिला उपायुक्त जयकिशन आभीर ने बताया कि प्रशासन द्वारा आज अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वोटिंग कराई गई थी। जिसमें 13 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग की है। नए चेयरमैन के चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार जल्द ही तिथि घोषित की जाएगी। जिस समय चुनाव होंगे उन्होंने कहा कि ईवीएम के माध्यम से चुनाव करवाए जाएंगे।
गौरतलब है कि गीता नांगली को अपने पद से हटाने के लिए 14 पार्षदों द्वारा पिछले दिनों जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया था। जिसके बाद प्रशासन ने 12 दिसंबर को अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वोटिंग तिथि निर्धारित की थी। इसी अविश्वास प्रस्ताव में गीता नांगली के पक्ष में वोटिंग करने को लेकर पिछले दिनों हिसार में फतेहाबाद के जिला परिषद के दो पार्षद पैसे लेते विजलैंस टीम ने रंगे हाथों काबू किए थे। इन पार्षदों के साथ कुछ अन्य पार्षदों के एजेंट और रिश्तेदार भी मौजूद थे, जिनके द्वारा गीता नांगली की कुर्सी बचाने को लेकर पैसों की मांग की गई थी। गीता नांगली के पति कृष्ण नांगली द्वारा उन्हें पेशगी के तौर पर रकम भी दी गई थी, लेकिन विजलैंस ने उन्हें रंगे हाथों काबू कर लिया था।