चण्डीगढ़, 24 नवंबर: हरियाणा के मेवात इलाके का जीवन स्तर उठाना एक चुनौती ही बना हुआ है। सरकारी कर्मचारी इस इलाके में नियुक्ति पसंद नहीं करते और ऐसे में विकास योजनाओं को लागू करना मुश्किल होता है। यही कारण है कि जहां गुरूग्राम जिले में प्रति व्यक्ति आय छह लाख रूपए है वहीं मेवात क्षेत्र में यह केवल साठ हजार रूपए मात्र है। बता दें देश के सबसे अधिक पिछडे 115 जिलों में मेवात के नूंह जिले को भी शामिल किया गया है।मेवात क्षेत्र की इस हालत को बदलने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रयास तेज कर दिए है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मेवात के नूंह जिले के विकास को लेकर यहां एक समीक्षा बैठक में कहा कि नूंह सहित मेवात क्षेत्र के लोगों के लिए विकास की रूपरेखा नए सिरे से तैयार करने की आवश्यकता है। यहां शिक्षा, स्वास्थ्य व कृषि सहित सभी क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है। इसलिए इस जिले के विकास की योजनाओं को तैयार करने व उन्हें लागू करने के लिए एक विशेष निगरानी टीम का गठन किया भी जाएगा। इसमें गुड़गांव मंडल आयुक्त व उपायुक्त सहित मुख्य सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। इस बैठक में अधिकारी व बडे इस्पात उद्योगों के प्रतिनिधि शामिल हुए जिसमे केंद्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने भी शिरकत की।
लगातार पांच घंटे चली इस बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि नूंह जिले में भौगोलिक तौर पर विकास कार्यों के साथ-साथ यहां के लोगों के जीवनस्तर में सुधार के लिए भी काफी काम किए जाने की आवश्यकता है। यहां के लोगों की कुछ भ्रांतियों को दूर करने की आवश्यकता है। इस कार्य को एक अच्छा लीडर व बेहतरीन टीम ही कर सकती है। इसलिए जो विशेष मॉनिटरिंग टीम यहां के लिए नियुक्त की जा रही है उस पर यहां बदलाव के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। उन्होंने कहा कि परिवर्तन स्कीम के तहत यहां के दो ब्लाक अभी तक शामिल किए हैं लेकिन अब सभी सातों ब्लाकों को इस
योजना में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मॉनिटरिंग ग्रुप की टीम यहां शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि सहित सभी बुनियादी सुविधाओं की निगरानी रखेगी। मनोहर लाल ने कहा कि मेवात क्षेत्र में सभी विभागों में कर्मचारियों की बड़ी कमी है और जिस भी कर्मचारी की यहां नियुक्ति की जाती है वह तुरंत तबादले की कौशिश में लग जाता है। ऐसे में यहां के लिए अलग कैडर तो बनाया ही गया है लेकिन अब यह भी सुनिश्चित करेंगे कि नई भर्ती के बाद कुछ वर्ष यहां नियुक्ति आवश्यक की जाए। इसके साथ ही यहां मौजूद कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी। यहां से किसी कर्मचारी का तबादला करते समय काफी सख्ती बरती जाएगी। मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों का आह्वान किया कि वे यहां के पिछड़े क्षेत्र के विकास के लिए अपने कार्य को मिशन के तौर पर लें। उनका जिम्मा एक समुदाय के विकास का है। उन्होंने कहा हरियाणा की प्रतिव्यक्ति आय दो लाख 41 हजार रुपये है और गुरुग्राम जिले की अकेले की प्रतिव्यक्ति आय छह लाख रुपये है। वहीं मेवात के लोगों की प्रतिव्यक्ति आय मात्र 60 हजार रुपये है। एक साथ लगते जिले के साथ इतने बड़े अंतर को हमें समाप्त करना है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यहां उद्योगों की संभावना तलाशी जाएं। उद्योगपतियों की यहां आने की हिचक दूर करने का कार्य भी हम करेंगे। लोगों को विश्वास में लेंगे तथा एनजीओ की मदद भी ली जाएगी। क्षेत्र के विकास की दर प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की तरफ से जिले को जितना बजट दिया जाता है उसके अतिरिक्त यहां बजट मुहैया करवाया जाएगा। सीएसआर और केंद्रीय इस्पात सहित अन्य मंत्रालयों से भी यहां अधिक मदद करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि केएमपी के निर्माण के बाद यहां विकास का नया रास्ता खुला है। नए विकसित हो रहे आर्थिक गलियारे में यह जिला भी शामिल है और यहां के लिए अलग से प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। इसके अलावा गुरुग्राम से अलवर हाईवे भी यहां से गुजरेगा और यहां के विकास को नई तरक्की का रास्ता दिखाएगा। उन्होंने कहा कि सोहना के उद्योग नूंह तक आएंगे। क्षेत्र में पानी की कमी को दूर करने के लिए मेवात कैनाल का निर्माण कार्य तेज किया जाएगा। इस कैनाल के लिए आईआईटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसके साथ ही केएमपी के साथ-साथ 100 क्यूसिक की पाईपलाईन मेवात के लिए लाई जा रही है और भविष्य में इसे 300 क्यूसिक तक बढ़ाने की भी योजना है। मेवात के गांवों से फल, फूल व सब्जी के लिए दिल्ली की एक बड़ी मंडी है इसके लिए यहां विशेष क्लस्तर तैयार किए जा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यहां की कृषि आधारित जितनी भी योजनाएं हैं उन्हें तत्काल पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी यहां बड़े काम किए जाने की आवश्यकता है इसलिए सीएसआर और सरकार मिलकर इन कार्यों को पूरा करने का कार्य करेगी।