धान की कटाई करने के बाद खेतों में शेष बचे हुए अवशेषों को जलाने पर हरियाणा सरकार द्वारा पूर्णत: प्रतिबंध लगाया हुआ है। भारतीय संविधान की धारा 188 व प्रदूषण नियंत्रण एक्ट 1981 के अनुसार कृषि अवशेष जलाना एक दंडनीय अपराध है। यदि कोई किसान धान के शेष बचे हुए अवशेष जलाता हुआ पाया गया तो उसे दो एकड़ तक धान के अवशेष जलाने पर 2500 रूपये व दो से पांच एकड तक धान के अवशेष जलाने पर 5000 रूपये व पांच एकड से अधिक धान के अवशेष जलाने पर 15000 रूपये का आर्थिक जुर्माना भरना होगा। यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक ने दी। उन्होने बताया कि नियमों की अवहेलना एवं जुर्माना न अदा करने की स्थिति में सम्बन्धित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1966 के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है। उन्होने किसान भाईयों से अपील की है कि धान की कटाई करने के बाद शेष बचे अवशेषों को न जलाएं व इसके स्थान पर स्ट्रा रिपर, रिपर बाईडर, हैपी सीडर, स्ट्रा बेलर व रोटावेटर यंत्रों का प्रयोग कर धान के अवशेषों को खेत में ही दबा दें। उन्होने कहा कि धान के अवशेषों को जलाने से जहां जमीन की उर्वरा शक्ति कम होती है बल्कि वातावरण पर दुष्प्रभाव पडता है।