फतेहाबाद, 23 अक्तूबर(जितेंद्र मोंगा): प्रशासन के बार-बार हिदायत देने के बावजूद भी किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। आपको बता दें फतेहाबाद में 25 सितंबर से लेकर 21 अक्टूबर तक 180 जगहों पर पराली जलाई गई है। कृषि विभाग ने सेटेलाइट (हरसेक) के माध्यम से इन किसानों को पराली जलाते हुए पकड़ा है। अब इन किसानों को विभाग के कर्मचारियों और नंबरदार के माध्यम से चिन्हित कर नोटिस दिया जाएगा। बता दें चित्र सेटेलाइट से लिए गए हैं और हरियाणा अंतरिक्ष उपयोग केंद्र ने यह चित्र फतेहाबाद प्रशासन को भेज दिए हैं। फतेहाबाद में पराली जलाने के अधिकतर मामले टोहाना इलाके से संबंधित हैं।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष कृषि विभाग द्वारा 2017 किसानों को पराली जलाने के मामले में नोटिस जारी किए गए थे। इनमें से अधिकांश किसानों ने नोटिस की कोई परवाह नहीं की। जबकि 695 किसानों ने 26 लाख 50 हजार की जुर्माना राशि कृषि विभाग को अदा की थी। बाकी बचे किसानों को कृषि विभाग ने दूसरा नोटिस जारी किया हुआ है। अगर यह किसान जुर्माना नहीं भरते तो राजस्व विभाग लैंड रिकवरी एक्ट के तहत इनके खिलाफ कार्रवाई करेगा। वहीं अगर इस बार भी यह किसान पराली जलाते हुए पकड़े जाते हैं तो उसके बाद सख्त सजा का प्रावधान है।
इस बात की जानकारी कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉक्टर बलवंत सहारण ने उन्होंने बताया कि प्रशासन की हिडितों के बावजूद कुछ किसान पराली जलाते हुए पाए गए जिन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा किसानों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए गए हैं।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों के अनुसार पराली को आग लगाने से पर्यावरण दूषित होता है। इससे जहरीला धुआं मानव के शरीर को नुकसान पहुंचाता है। ट्रिब्यूनल ने सरकार को सख्त आदेश दे रखे हैं, कि 2 एकड़ में पराली जलाने वाले को 2500 रूपये, 5 एकड़ में आग जलाने वाले किसान को 5 हजार और 5 एकड़ से अधिक आग लगाने वाले किसान को 15 हजार प्रति घटना जुर्माना वसूला जाए।