रिषा ,16 अक्टूबर (शिमला): हिमाचल प्रदेश में 60 साल से तिब्बतियों को शरण देने के लिए तिब्बती समुदाय ने शिमला के रिज मैदान में एक कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें प्रधानमंत्री लोब सांग सांगेय ने हिमाचल प्रदेश सरकार और लोगों को तिब्बतियों को शरण देने के लिए धन्यवाद किया।
उन्होंने कहा की तिब्बती समुदाय के लिए जो भारत देश ने किया है वह कोई दूसरा देश नहीं कर सकता।तिब्बत के प्रधानमंत्री ने शिमला में आयोजित “धन्यवाद हिमाचल” कार्यक्रम में कहा की भारत की इस महानता के लिए तिब्बत के लोग हमेशा आभारी रहेंगे।वहीं दलाई लामा भी खुद को भारत का बेटा मानते हैं।
तिब्बत के प्रधानमंत्री ने शिमला में कहा है कि भारत तिब्बतियों का दूसरा घर है।हिमाचल में तिब्बतियों को परिवार की तरह प्यार मिला है जिसका हम तहे दिल से धन्यवाद करते हैं।
वहीं कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में पहुंचे राज्यपाल ने कहा कि अतिथि भारत के लिए देवता समान होते हैं और तिब्बत तो भारत का पड़ोसी भी है और मित्र भी। मानव सभ्यता का विकास तिब्बत से हुआ है उसके बाद पूरे विश्व में सभ्यता जानी।
कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि भारत और तिब्बत का रिश्ता बहुत प्राचीन है। तिब्बत के लोग ख़राब हालात के चलते भारत आए थे। उन्होंने कहा की मुझे उम्मीद है तिब्बत के हालत जल्द ठीक होंगे और ये लोग वापिस अपने मात्रभूमि में जायेंगे।
हिमाचल प्रदेश में लगभग 12 हजार तिब्बती समुदाय के लोग रहते हैं। तिब्बत में चीन द्वारा कब्ज़ा करने पर 60 साल पहले धर्मगुरु दलाई लामा शरणार्थी के तौर पर रहने आए थे। रिज मैदान पर तिब्बति समुदाय ने अपने उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई और कार्यक्रम में धर्मगुरु दलाई लामा का सन्देश भी लोगों को सुनाया गया।